चौसठ योगिनियों के नाम और मंत्र !!
Maa Durga
आदिशक्ति का सीधा सा सम्बन्ध है इस शब्द का जिसमे प्रकृति या ऐसी शक्ति का बोध होता जो उत्पन्न करने और पालन करने का दायित्व निभाती है जिसने भी इस शक्ति की शरण में खुद को समर्पित कर दिया उसे फिर किसी प्रकार कि चिंता करने कि कोई आवश्यकता नहीं वह परमानन्द हो जाता है चौंसठ योगिनियां वस्तुतः माता आदिशक्ति कि सहायक शक्तियों के रूप में मानी जाती हैं जिनकी मदद से माता आदिशक्ति इस संसार का राज काज चलाती हैं एवं श्रष्टि के अंत काल में ये मातृका शक्तियां वापस माँ आदिशक्ति में पुनः विलीन हो जाती हैं और सिर्फ माँ आदिशक्ति ही बचती हैं फिर से पुनर्निर्माण के लिए ! बहुत बार देखने में आता है कि लोग वर्गीकरण करने लग जाते हैं और उसी वर्गीकरण के आधार पर साधकगण अन्य साधकों को हीन - हेय दृष्टि से देखने लग जाते हैं क्योंकि उनकी नजर में उनके द्वारा पूजित रूप को वे मूल या प्रधान समझते हैं और अन्य को द्वितीय भाव से देखते हैं जबकि ऐसा उचित नहीं है हर साधक का दुसरे साधक के लिए सम भाव होना चाहिए मैंकिन्तु नैतिक दृष्टिकोण और अध्यात्मिकता के आधार पर यदि देखा जाये तो न तो कोई उच्च है न कोई हीन हम आराधना करते हैं तो कोई अहसान नहीं करते यह सिर्फ अपनी मानसिक शांति और संतुष्टि के लिए और अगर कोई दूसरा करता है तो वह भी इसी उद्देश्य कि पूर्ती के लिए !अब अगर हम अपने विषय पर आ जाएँ तो इस मृत्यु लोक में मातृ शक्ति के जितने भी रूप विदयमान हैं सब एक ही विराट महामाया आद्यशक्ति के अंग,भाग , रूप हैं साधकों को वे जिस रूप की साधना करते हैं उस रूप के लिए निर्धारित व्यवहार और गुणों के अनुरूप फल प्राप्त होता है। चौंसठ योगिनियां वस्तुतः माता दुर्गा कि सहायक शक्तियां है जो समय समय पर माता दुर्गा कि सहायक शक्तियों के रूप में काम करती हैं एवं दुसरे दृष्टिकोण से देखा जाये तो यह मातृका शक्तियां तंत्र भाव एवं शक्तियों से परिपूरित हैं और मुख्यतः तंत्र ज्ञानियों के लिए प्रमुख आकर्षण का केंद्र हैं !
जिन नामों का अस्तित्व मिलता है वे इस प्रकार हैं :-
१. बहुरूपा२. तारा
३. नर्मदा
४. यमुना
५. शांति
६. वारुणी
७. क्षेमकरी
८. ऐन्द्री
९. वाराही
१०. रणवीरा
११. वानरमुखी
१२. वैष्णवी
१३. कालरात्रि
१४. वैद्यरूपा
१५. चर्चिका
१६. बेताली
१७. छिनमास्तिका
१८. वृषभानना
१९. ज्वाला कामिनी
२०. घटवारा
२१. करकाली
२२. सरस्वती
२३. बिरूपा
२४. कौबेरी
२५. भालुका
२६. नारसिंही
२७. बिराजा
२८. विकटानन
२९. महालक्ष्मी
३०. कौमारी
३१. महामाया
३२. रति
३३. करकरी
३४. सर्पश्या
३५. यक्षिणी
३६. विनायकी
३७. विन्द्यावालिनी
३८. वीरकुमारी
३९. माहेश्वरी
४०. अम्बिका
४१. कामायनी
४२. घटाबारी
४३. स्तुति
४४. काली
४५. उमा
४६. नारायणी
४७. समुद्रा
४८. ब्राह्मी
४९. ज्वालामुखी
५०. आग्नेयी
५१. अदिति
५२. चन्द्रकांति
५३. वायुबेगा
५४. चामुंडा
५५. मूर्ति
५६. गंगा
५७. धूमावती
५८. गांधारी
५९. सर्व मंगला
६०. अजिता
६१. सूर्य पुत्री
६२. वायु वीणा
६३. अघोरा
६४. भद्रकाली
चौंसठ योगिनी मंत्र :-
Rajesh Mishra, Kolkata
१. ॐ काली नित्य सिद्धमाता स्वाहा
२. ॐ कपलिनी नागलक्ष्मी स्वाहा
३. ॐ कुला देवी स्वर्णदेहा स्वाहा
४. ॐ कुरुकुल्ला रसनाथा स्वाहा
५. ॐ विरोधिनी विलासिनी स्वाहा
६. ॐ विप्रचित्ता रक्तप्रिया स्वाहा
७. ॐ उग्र रक्त भोग रूपा स्वाहा
८. ॐ उग्रप्रभा शुक्रनाथा स्वाहा
९. ॐ दीपा मुक्तिः रक्ता देहा स्वाहा
१०. ॐ नीला भुक्ति रक्त स्पर्शा स्वाहा
११. ॐ घना महा जगदम्बा स्वाहा
१२. ॐ बलाका काम सेविता स्वाहा
१३. ॐ मातृ देवी आत्मविद्या स्वाहा
१४. ॐ मुद्रा पूर्णा रजतकृपा स्वाहा
१५. ॐ मिता तंत्र कौला दीक्षा स्वाहा
१६. ॐ महाकाली सिद्धेश्वरी स्वाहा
१७. ॐ कामेश्वरी सर्वशक्ति स्वाहा
१८. ॐ भगमालिनी तारिणी स्वाहा
१९. ॐ नित्यकलींना तंत्रार्पिता स्वाहा
२०. ॐ भेरुण्ड तत्त्व उत्तमा स्वाहा
२१. ॐ वह्निवासिनी शासिनि स्वाहा
२२. ॐ महवज्रेश्वरी रक्त देवी स्वाहा
२३. ॐ शिवदूती आदि शक्ति स्वाहा
२४. ॐ त्वरिता ऊर्ध्वरेतादा स्वाहा
२५. ॐ कुलसुंदरी कामिनी स्वाहा
२६. ॐ नीलपताका सिद्धिदा स्वाहा
२७. ॐ नित्य जनन स्वरूपिणी स्वाहा
२८. ॐ विजया देवी वसुदा स्वाहा
२९. ॐ सर्वमङ्गला तन्त्रदा स्वाहा
३०. ॐ ज्वालामालिनी नागिनी स्वाहा
३१. ॐ चित्रा देवी रक्तपुजा स्वाहा
३२. ॐ ललिता कन्या शुक्रदा स्वाहा
३३. ॐ डाकिनी मदसालिनी स्वाहा
३४. ॐ राकिनी पापराशिनी स्वाहा
३५. ॐ लाकिनी सर्वतन्त्रेसी स्वाहा
३६. ॐ काकिनी नागनार्तिकी स्वाहा
३७. ॐ शाकिनी मित्ररूपिणी स्वाहा
३८. ॐ हाकिनी मनोहारिणी स्वाहा
३९. ॐ तारा योग रक्ता पूर्णा स्वाहा
४०. ॐ षोडशी लतिका देवी स्वाहा
४१. ॐ भुवनेश्वरी मंत्रिणी स्वाहा
४२. ॐ छिन्नमस्ता योनिवेगा स्वाहा
४३. ॐ भैरवी सत्य सुकरिणी स्वाहा
४४. ॐ धूमावती कुण्डलिनी स्वाहा
४५. ॐ बगलामुखी गुरु मूर्ति स्वाहा
४६. ॐ मातंगी कांटा युवती स्वाहा
४७. ॐ कमला शुक्ल संस्थिता स्वाहा
४८. ॐ प्रकृति ब्रह्मेन्द्री देवी स्वाहा
४९. ॐ गायत्री नित्यचित्रिणी स्वाहा
५०. ॐ मोहिनी माता योगिनी स्वाहा
५१. ॐ सरस्वती स्वर्गदेवी स्वाहा
५२. ॐ अन्नपूर्णी शिवसंगी स्वाहा
५३. ॐ नारसिंही वामदेवी स्वाहा
५४. ॐ गंगा योनि स्वरूपिणी स्वाहा
५५. ॐ अपराजिता समाप्तिदा स्वाहा
५६. ॐ चामुंडा परि अंगनाथा स्वाहा
५७. ॐ वाराही सत्येकाकिनी स्वाहा
५८. ॐ कौमारी क्रिया शक्तिनि स्वाहा
५९. ॐ इन्द्राणी मुक्ति नियन्त्रिणी स्वाहा
६०. ॐ ब्रह्माणी आनन्दा मूर्ती स्वाहा
६१. ॐ वैष्णवी सत्य रूपिणी स्वाहा
६२. ॐ माहेश्वरी पराशक्ति स्वाहा
६३. ॐ लक्ष्मी मनोरमायोनि स्वाहा
६४. ॐ दुर्गा सच्चिदानंद स्वाहा
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